ईरान-इज़राइल युद्ध के सातवें दिन दोनों देशों के हमले तेज़, अमेरिका की सैन्य हस्तक्षेप पर विचार, कूटनीतिक प्रयास भी शुरू
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तेल अवीव/तेहरान। ईरान और इज़राइल के बीच छिड़े युद्ध को एक सप्ताह हो चुका है और शुक्रवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर नए हमले किए। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे ईरान पर सैन्य हमला करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। साथ ही, यूरोप और अमेरिका के बीच कूटनीतिक हल निकालने के प्रयास भी तेज़ हो गए हैं।
ट्रंप ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के संकेत दिए
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे आगामी दो हफ्तों में निर्णय लेंगे कि अमेरिका सीधे इस युद्ध में शामिल होगा या नहीं। उनका कहना है कि ईरान के विवादास्पद फोर्दो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र पर हमला करने की "वास्तविक संभावना" है, जिसे केवल अमेरिका के विशेष 'बंकर बस्टर' बम ही नष्ट कर सकते हैं।
ईरानी मंत्री जेनेवा रवाना, यूरोपीय कूटनीति सक्रिय
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची को यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रियों से मुलाकात के लिए जेनेवा रवाना होते देखा गया है। उनकी उड़ान वान (तुर्की) से शुरू हुई, जो ईरानी सीमा के निकट है। माना जा रहा है कि इन बैठकों का उद्देश्य युद्धविराम के रास्ते तलाशना है।
इज़राइल के बड़े हवाई हमले, ईरानी परमाणु प्रतिष्ठान निशाने पर
इज़राइली सेना ने शुक्रवार सुबह 60 से अधिक लड़ाकू विमानों की मदद से ईरान के विभिन्न सैन्य और मिसाइल निर्माण स्थलों पर बमबारी की। इज़राइल ने दावा किया है कि उसने ईरान के रक्षा नवाचार और अनुसंधान संगठन (SPND) के मुख्यालय को भी निशाना बनाया, जो पहले अमेरिका द्वारा परमाणु हथियारों से जुड़ी रिसर्च में शामिल बताया जा चुका है।
ईरानी मीडिया के अनुसार, इज़राइली हवाई हमलों ने कास्पियन सागर के किनारे स्थित रश्त शहर तक पहुंच बना ली है। हालांकि ईरान में इंटरनेट बंद होने के कारण अधिकृत जानकारी तक पहुँचना कठिन है।
ईरानी जवाबी हमले में इज़राइल को नुकसान
ईरान ने अब तक 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन इज़राइल पर दागे हैं। इज़राइली सेना का दावा है कि उसकी रक्षा प्रणाली ने अधिकांश हमलों को विफल कर दिया, लेकिन फिर भी 24 इज़राइली नागरिक मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। गुरुवार को बीरशेबा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर हमले में 80 से अधिक मरीज और मेडिकल स्टाफ घायल हुए।
इसके जवाब में इज़राइल के रक्षा मंत्री ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को खुलेआम धमकी दी है कि "वह इस युद्ध में जीवित नहीं बचना चाहिए।"
ईरान में अब तक 657 मौतें, हजारों घायल
ईरान स्थित एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, युद्ध की शुरुआत से अब तक ईरान में कम से कम 657 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 263 आम नागरिक शामिल हैं। 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
परमाणु हथियारों को लेकर दोनों देशों पर संदेह
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन वह 60% तक यूरेनियम संवर्धन करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु हथियार देश है, जो हथियार-ग्रेड स्तर (90%) से बस एक कदम दूर है।
वहीं इज़राइल को व्यापक रूप से मध्य पूर्व का एकमात्र परमाणु शक्ति सम्पन्न देश माना जाता है, हालांकि उसने कभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
निष्कर्ष: युद्ध के सातवें दिन दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष तेज हो चुका है, लेकिन साथ ही एक नया कूटनीतिक मोर्चा भी खुला है। आने वाले सप्ताह इस बात के लिए अहम होंगे कि क्या युद्ध और फैलेगा या कोई राजनीतिक समाधान निकल सकेगा।

