संघर्षविराम पर राज़ी हुए ईरान और इज़राइल, ट्रंप की मध्यस्थता सफल लेकिन खतरा टला नहीं।

क्या ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष खत्म हुआ? ट्रंप की मध्यस्थता में संघर्षविराम पर सहमति, लेकिन तनाव बरकरार

तेहरान/यरुशलम/दोहा – पश्चिम एशिया में जारी भारी तनाव के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि ईरान और इज़राइल के बीच संघर्षविराम पर सहमति बन गई है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान ने सोमवार रात कतर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे 'अल उदीद एयरबेस' पर मिसाइल हमला किया था।

क्या हुआ कतर में?

सोमवार देर शाम कतर की राजधानी दोहा सहित अन्य इलाकों में तेज धमाकों की आवाजें सुनी गईं। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दावा किया कि यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में किया गया।

ईरान ने कहा कि अल उदीद एयरबेस अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा रणनीतिक केंद्र है और इसी कारण उसे निशाना बनाया गया। कतर की सरकार ने बताया कि 19 में से 18 मिसाइलों को मार गिराया गया और कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने हमले की कड़ी निंदा की और ईरानी राजदूत को तलब कर विरोध जताया।

क्या ईरान और इज़राइल ने संघर्षविराम को मंजूरी दी?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट 'ट्रूथ सोशल' पर सोमवार रात कहा, “संघर्षविराम लागू हो चुका है। कृपया इसे भंग न करें!” उन्होंने एक विस्तृत समयरेखा साझा की जिसमें बताया गया कि ईरान सुबह 4 बजे (GMT) से संघर्षविराम शुरू करेगा और इज़राइल 12 घंटे बाद दोपहर 4 बजे से इसका पालन करेगा।

मंगलवार को इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल ने अमेरिकी प्रस्तावित संघर्षविराम को मंजूरी दी है। उनका दावा था कि “हमने ईरान के परमाणु और मिसाइल खतरे को खत्म कर दिया है।”

वहीं, ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भी संघर्षविराम को स्वीकार किया, लेकिन साथ में यह भी कहा कि वे इज़राइल पर भरोसा नहीं करते और किसी भी उल्लंघन का ‘निर्णायक जवाब’ देने के लिए तैयार हैं।

संघर्षविराम के बीच नई झड़पें

मंगलवार सुबह एक ईरानी मिसाइल इज़राइल के बेर्सेवा शहर में गिरी, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इसके बाद इज़राइली रक्षा मंत्री ने तेहरान में "तीव्र जवाबी कार्रवाई" के आदेश दिए।

हालाँकि ईरान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसने संघर्षविराम लागू होने के बाद कोई मिसाइल हमला नहीं किया।

डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और इज़राइल को चेतावनी दी: “इज़राइल, बम न गिराओ! यह बड़ा उल्लंघन होगा। अपने पायलटों को घर बुलाओ।”

कतर की मध्यस्थता और ट्रंप की भूमिका

कतर के विदेश मंत्री ने पुष्टि की कि संघर्षविराम की मध्यस्थता में कतर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप ने भी कहा कि कतर की कूटनीतिक कोशिशों ने युद्धविराम के रास्ते खोल दिए। यह कतर के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।

पृष्ठभूमि: ट्रंप की संघर्षविराम घोषणाओं का इतिहास

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने संघर्षविराम की मध्यस्थता का दावा किया है। मई में भारत-पाकिस्तान के बीच भी उन्होंने संघर्षविराम की घोषणा की थी, लेकिन दोनों देशों ने इसे स्वीकार नहीं किया था।

गाजा युद्ध में भी ट्रंप ने जनवरी में युद्धविराम की घोषणा की थी, जिसे मार्च में इज़राइल ने एकतरफा रूप से तोड़ दिया। तब से अब तक 56,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है और मानवीय संकट गहराता जा रहा है।

निष्कर्ष

हालांकि ईरान और इज़राइल के बीच संघर्षविराम की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है, लेकिन जमीनी हालात अब भी नाजुक हैं। दोनों पक्षों में अविश्वास बरकरार है और किसी भी समय स्थिति बिगड़ सकती है। कतर और अमेरिका की भूमिका इस संघर्ष को नियंत्रित रखने में अहम मानी जा रही है।

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