प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया

 प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया


नई दिल्ली, 14 जून – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून से तीन देशों की यात्रा पर रवाना होंगे, जिसमें वे साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा करेंगे। यह यात्रा न केवल भारत की वैश्विक कूटनीति को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को भी एक नई दिशा देगी।

साइप्रस: दो दशकों बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा

प्रधानमंत्री की यात्रा की शुरुआत 15-16 जून को साइप्रस से होगी। यह पिछले 20 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा होगी। वे राजधानी निकोसिया में राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स से मुलाकात करेंगे और लिमासोल में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के साथ-साथ भारत और भूमध्यसागरीय क्षेत्र तथा यूरोपीय संघ के साथ रिश्तों को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम होगी।

कनाडा: G-7 शिखर सम्मेलन में छठी बार भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी 16-17 जून को कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्हें यह निमंत्रण कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा दिया गया है। यह उनकी लगातार छठी G-7 भागीदारी होगी।

सम्मेलन में वे ऊर्जा सुरक्षा, उन्नत तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे वैश्विक विषयों पर G-7 देशों, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही, वे कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

क्रोएशिया: ऐतिहासिक पहली यात्रा

इस बहुप्रतीक्षित यात्रा का अंतिम चरण 18 जून को क्रोएशिया में होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज़ प्लेंकोविच और राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविच से मुलाकात करेंगे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी।


यह दौरा भारत-क्रोएशिया संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए यूरोपीय संघ के साथ भारत के जुड़ाव को और सशक्त करने का संकेत देगा।

निष्कर्षतः प्रधानमंत्री मोदी की यह तीन देशों की यात्रा रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। यह भारत के वैश्विक प्रभाव को विस्तार देने के साथ-साथ व्यापार, तकनीक, ऊर्जा और कूटनीति के क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोलेगी।

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